🌞 Surya Namaskar: सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए श्रेष्ठ योग अभ्यास
परिचय
भारत की योग परंपरा ने दुनिया को स्वास्थ्य और संतुलन का अनमोल तोहफ़ा दिया है। योग के असंख्य आसनों और क्रियाओं में से एक ऐसा अभ्यास है जो पूरे शरीर का व्यायाम अकेले करता है – वह है Surya Namaskar। यह 12 चरणों वाला अभ्यास है जिसे प्रतिदिन करने से शरीर की लचक, शक्ति और ऊर्जा बनी रहती है। सुबह के समय इसे करने से दिनभर ताजगी मिलती है, जबकि शाम को करने से मानसिक तनाव कम होता है।
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🌿 Surya Namaskar क्यों है विशेष?
* यह एक फुल बॉडी वर्कआउट है, जिसमें स्ट्रेचिंग, बैलेंस और ब्रीदिंग का संतुलन है।
* मात्र 20 मिनट का अभ्यास लगभग 250–300 कैलोरी बर्न कर सकता है।
* यह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है।
* योग विशेषज्ञ मानते हैं कि रोजाना Surya Namaskar करने से शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है।
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🧘♂️ Surya Namaskar के 12 चरण विस्तार से
चर 1: प्रार्थना आसन
सीधे खड़े होकर दोनों पैरों को मिलाएँ और हाथों को जोड़ें। गहरी सांस लें और ध्यान केंद्रित करें।
चरण 2: हस्त उत्तानासन
सांस अंदर लें, हाथों को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें। इससे छाती और फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
चरण 3: पदहस्तासन
सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकें, हाथों को पैरों के पास जमीन पर रखें। यह रीढ़ को लचीला बनाता है।
चरण 4: अश्वसंचालन आसन
दायाँ पैर पीछे खींचें, बायाँ घुटना मोड़ें और गर्दन ऊपर उठाएँ। यह पाचन शक्ति को मजबूत करता है।
चरण 5: दंडासन
दोनों पैरों को पीछे की ओर ले जाकर शरीर को सीधा रखें। यह हाथों और कंधों को मज़बूत करता है।
चरण 6: अष्टांग नमस्कार
घुटने, छाती और ठुड्डी को जमीन से लगाएँ, कूल्हे ऊपर रखें। इसे “आठ अंगों का प्रणाम” कहते हैं।
चरण 7: भुजंगासन
सांस अंदर लें और छाती को ऊपर उठाएँ। यह रीढ़ और कमर दर्द में लाभकारी है।
चरण 8: पर्वतासन
सांस छोड़ें और शरीर को उल्टे “V” के आकार में करें। यह पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
चरण 9: अश्वसंचालन आसन
अब दायाँ पैर आगे लाएँ और गर्दन ऊपर उठाएँ। यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर करता है।
चरण 10: पदहस्तासन
बायाँ पैर आगे लाएँ और सिर को घुटनों से लगाने की कोशिश करें। इससे पेट की चर्बी कम होती है।
चरण 11: हस्त उत्तानासन
दोनों हाथ ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकें। यह शरीर में लचीलापन लाता है।
चरण 12: प्रार्थना आसन
फिर से हाथ जोड़ें और सामान्य सांस लें। यह चक्र पूरा होता है।
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🌸 Surya Namaskar करने के फायदे
शारीरिक लाभ
* वजन कम करने और बॉडी टोन करने में सहायक।
* पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
* दिल और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
* मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करता है।
मानसिक लाभ
* तनाव और चिंता को कम करता है।
* ध्यान और एकाग्रता बढ़ाता है।
* नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
सौंदर्य लाभ
* त्वचा को चमकदार बनाता है।
* खून का शुद्धिकरण करता है।
* चेहरे पर प्राकृतिक ग्लो लाता है।
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⚠️ Surya Namaskar करते समय सावधानियाँ
* इसे हमेशा खाली पेट या भोजन के 3 घंटे बाद करें।
* शुरुआत में 2–3 चक्र से शुरू करें और धीरे-धीरे 12 या उससे अधिक चक्र तक बढ़ाएँ।
* गर्भवती महिलाएँ और हृदय रोगी डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
* सांस पर पूरा ध्यान रखें, जल्दीबाजी न करें।
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🌟 कब और कितनी देर करें?
सुबह सूर्योदय के समय Surya Namaskar करना सबसे लाभकारी माना जाता है। शुरुआती लोग 5–10 मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं और धीरे-धीरे इसे 30 मिनट तक बढ़ा सकते हैं। शाम को भी इसे किया जा सकता है, खासकर अगर दिनभर थकान या तनाव महसूस हो।
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निष्कर्ष
Surya Namaskar एक ऐसा योग अभ्यास है जिसमें शारीरिक व्यायाम, मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन – तीनों का समावेश है। यह 12 आसनों का क्रम हर अंग को सक्रिय करता है और शरीर को स्वस्थ, ऊर्जावान और लचीला बनाता है। यदि आप रोजाना केवल एक योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहते हैं, तो Surya Namaskar ही पर्याप्त है क्योंकि यह सम्पूर्ण योग अभ्यास है।
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