Lata Mangeshkar Biography / लता मंगेशकर की जीवनी

भारत की स्वर कोकिला **लता मंगेशकर**  Lata Mangeshkar भारतीय संगीत की सबसे महान गायिकाओं में से एक मानी जाती हैं। उनकी आवाज़ ने न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में लोगों को मोह लिया। सात दशकों से भी अधिक लंबे करियर में उन्होंने हजारों गाने गाए और हर दिल पर अमिट छाप छोड़ी। 36 से अधिक भाषाओं में गाने वाली लता जी को “नाइटिंगेल ऑफ इंडिया” भी कहा जाता है। उनका जीवन संगीत, मेहनत और समर्पण का एक अद्भुत उदाहरण है।

## लता मंगेशकर – बेसिक जानकारी

विषय (Topic) विवरण (Details)
पूरा नाम लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar)
उपनाम स्वर कोकिला, नाइटिंगेल ऑफ इंडिया
जन्म तिथि 28 सितंबर 1929
जन्म स्थान इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर
माता का नाम शेवंटी (शुधमति) मंगेशकर
पेशा पार्श्व गायिका, संगीतकार
सक्रिय वर्ष 1942 – 2015
भाषाएँ 36 से अधिक भारतीय भाषाएँ
प्रमुख पुरस्कार भारत रत्न, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
निधन 6 फरवरी 2022, मुंबई, महाराष्ट्र

लता मंगेशकर Lata Mangeshkar का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनका परिवार संगीत से जुड़ा हुआ था, उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक जाने-माने शास्त्रीय गायक और रंगमंच कलाकार थे। बचपन से ही लता जी को संगीत की शिक्षा मिलने लगी थी। मात्र 13 वर्ष की आयु में पिता के निधन के बाद उन्होंने परिवार की ज़िम्मेदारी उठाई और अपने करियर की शुरुआत गायकी से की।

लता जी ने 1942 में मराठी फिल्म *किटी हसाल* से पार्श्वगायन की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में कदम रखा। 1949 में फिल्म *महल* का गीत “आएगा आनेवाला” उनकी ज़िंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ और इस गाने ने उन्हें रातों-रात सुपरस्टार बना दिया। उन्होंने शास्त्रीय, भक्ति, रोमांटिक, देशभक्ति और ग़ज़ल जैसी हर शैली में अपनी मधुर आवाज़ का जादू बिखेरा।

अपने लंबे करियर के दौरान लता मंगेशकर ने हजारों गाने रिकॉर्ड किए और उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हुआ। उन्होंने न सिर्फ हिंदी बल्कि मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, गुजराती और अन्य भाषाओं में भी गाने गाए। उनकी आवाज़ में इतनी मिठास और गहराई थी कि हर पीढ़ी के लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं।

लता मंगेशकर Lata Mangeshkar को उनके योगदान के लिए कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान **भारत रत्न** 2001 में प्राप्त हुआ। इसके अलावा उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और कई बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले। उनके नाम कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान भी दर्ज हैं।

लता जी ने कभी शादी नहीं की और अपना पूरा जीवन संगीत को समर्पित कर दिया। वह बेहद सरल, विनम्र और प्रेरणादायी व्यक्तित्व की धनी थीं। 6 फरवरी 2022 को मुंबई में उनका निधन हो गया। उनकी आवाज़ आज भी हर दिल में गूंजती है और आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें हमेशा **स्वर कोकिला लता मंगेशकर** के नाम से याद करेंगी।

लता मंगेशकर सिर्फ़ एक गायिका ही नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर थीं। उनकी आवाज़ ने पीढ़ियों को जोड़ा और हर उम्र के लोगों को संगीत से एक गहरा रिश्ता बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौर से लेकर आधुनिक भारत तक के सफर में देश की भावनाओं को अपने सुरों में पिरोया। उनका गाया हुआ देशभक्ति गीत “ए मेरे वतन के लोगों” आज भी हर भारतीय के दिल में देशप्रेम की लौ जगाता है। उनकी गायकी में एक ऐसा जादू था जो श्रोताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ देता था। लता जी की सरलता और विनम्र स्वभाव ने उन्हें हर वर्ग के लोगों का प्रिय बना दिया। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज़ और उनके गीत अमर हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। यही कारण है कि उन्हें सही मायनों में भारत की स्वर कोकिला कहा जाता है।


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