99+ Best Mirza Ghalib Shayari in Hindi | गालिब की शायरी

Here is the best Mirza Ghalib Shayari and Sher that you can easily share on WhatsApp, Instagram, Facebook, SMS, etc. Just copy and paste anywhere you want.

शेर और शायरी की बात करें तो मिर्ज़ा ग़ालिब का नाम सबसे ऊपर आता है, शायरी की दुनिया में मिर्ज़ा ग़ालिब अपना एक अलग ही स्थान रखते हैं, उनकी शोहरत के पीछे प्रमुख कारण उनकी मोहब्बत भरी शायरी उनका चंचल स्वभाव और कटाक्ष करने की आदत फारसी के दौर में गजलों में उर्दू और हिंदी का इस्तेमाल कर आम आदमी की जुबान पर अपनी शायरी की छाप छोड़ी. आज शायद ही कोई व्यक्ति हो जो उनके बारे में नहीं जानता हो, ऐसे महान शायर की कुछ शायरी, गजलें, और शेर आज हम आप लोगों के लिए लेकर आए हैं जिन्हें आप बड़ी आसानी से Social Media के जरिए शेयर कर सकते हैं.

Mirza Ghalib Shayari in Hindi

Mirza Ghalib Shayari in Hindi

रगों में दौड़ते फिरने🔸 के हम नहीं क़ाइल,
जब आँख ही से न टपका🔸 तो फिर लहू क्या है।

न सुनो गर बुरा कहे कोई,🔸 न कहो गर बुरा करे कोई
रोक लो गर ग़लत चले कोई, 🔸बख़्श दो गर ख़ता करे कोई।

इश्क़ ने ग़ालिब🔸 निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे 🔸काम के।

तुम से बेजा है🔸 मुझे अपनी तबाही का गिला
उसमें कुछ शाएबा-ए-ख़ूबिए-तक़दीर 🔸भी था

Galib Love Shayari

Mirza Ghalib Shayari

कुछ तो तन्हाई की रातों🔸 में सहारा होता,
तुम न होते न सही🔸 जिक्र तुम्हारा होता।

गुज़रे हुए लम्हों को मैं 🔸इक बार तो जी लूँ,
कुछ ख़्वाब तेरी🔸 याद दिलाने के लिए है।

उनके देखने से जो🔸आ जाती है मुँह पर रौनक,
वो समझते है कि बीमार का🔸हाल अच्छा है।

बिजली इक कौंध गयी🔸 आँखों के आगे तो क्या,
बात करते कि मैं लब तश्न-ए-तक़रीर🔸 भी था।

Galib ki shayari in hindi

Galib Love Shayari

आशिक़ी सत्र तलब 🔸और तमन्ना बेताब
दिल का क्या रँग 🔸करूँ खून-ए-जिगर होने तक।

आज फिर पहली🔸 मुलाक़ात से आग़ाज्ञ करूँ,
आज फिर दूर से ही देख के 🔸आऊँ उसको।

इनकार की सी लज़्ज्ञत🔸 इक़रार में कहाँ,
होता है इश्क़ ग़ालिब उनकी 🔸नहीं नहीं से।

हम जो 🔸सबका दिल रखते हैं
सुनो, हम भी एक दिल🔸 रखते हैं।

Ghalib shayari

Mirza Galib Shayari

बनाकर फकीरों 🔸का हम भेस ग़ालिब
‘तमाशा-ए-अहल-ए-करम🔸 देखते है…।

नसीहत के कुतुब-ख़ाने’ 🔸यों तो दुनिया में भरे है,
ठोकरे खा के ही अक़सर बदे को 🔸अक़्ल आई है।

ता फिर न इतिज्ञार🔸 में नींद आए उम्र भर,
आने का अहद कर गए आए🔸 जो ख़्वाब में।

इस सादगी पे कौन🔸 न मर जाए ऐ ख़ुदा
लड़ते है और हाथ में तलवार 🔸भी नहीं।

Dard mirza ghalib shayari

mirza ghalib shayari

हम है मुश्ताक़ और🔸 वो बे-ज़ार या इलाही ये माजरा क्या है,
जान तुम पर निसार करता हूँ, 🔸मै नहीं जानता दुआ क्‍या है।

शहरे वफ़ा में धूप 🔸का साथी नहीं कोई,
सूरज सरो पर आया तो साये🔸 भी घट गए।

खुद को मनवाने का🔸मुझको भी हुनर आता है
मैं वह कतरा हूँ समंदर मेरे 🔸घर आता है।

गुज़र रहा हूँ यहाँ 🔸से भी गुजर जाऊँगा,
मै वक़्त हूँ कहीं ठहरा तो🔸 मर जाऊँगा।

Famous ghalib shayari

famous ghalib shayari

गुज़रे हुए लम्हों को🔸 मैं इक बार तो जी लूँ,
कुछ ख़्वाब तेरी याद दिलाने 🔸के लिए है।

ये न थी हमारी क्रिस्मत🔸 कि विसाल-ए-यार होता,
अगर और जीते रहते यही🔸 इतिज्ञार होता।

कितना खौफ़ होता है🔸 शाम के अंधेरों में,
पूछ उन परिंदो से जिनके घर 🔸नहीं होते।

हाथों की लकीरों पर🔸 मत जा ए ग़ालिब,
नसीब उनके भी होते हैं जिनके🔸 हाथ नहीं होते।

Galib ki sad shayari in hindi

galib ki sad shayari

दिल से तेरी निगाह जिगर🔸तक उतर गई,
दोनों को इक 🔸अदा में रज्ञामद कर गई।

हमको मालूम है🔸 जन्नत की हकीकत लेकिन,
दिल को ख़ुश रखने को ग़ालिब🔸 ये ख़याल अच्छा है।

दर्द जब दिल में हो तो🔸 दवा कीजिए,
दिल ही जब दर्द 🔸हो तो क्या कीजिए।

इस कदर तोड़ा है 🔸मुझे उसकी बेवफाई ने ग़ालिब,
अब कोई प्यार से भी देखे तो🔸 बिखर जाता हूँ मैं।

Galib ki shayari in hindi

galib ki shayari

वो आए घर में हमारे, 🔸ख़ुदा की कुदरत है
कभी हम उनको, कभी अपने 🔸घर को देखते हैं।

तुम अपने शिकवे की बातें 🔸न खोद खोद के पूछो
हज़र करो मिरे दिल से🔸 कि उसमें आग दबी है।

आह को चाहिए इक🔸 उम्र असर होते तक,
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर🔸 होते तक।

ज़िंदगी में तो 🔸सभी प्यार किया करते हैं,
मैं तो मरकर भी मेरी जान🔸 तुझे चाहूँगा।

Ghalib ki Shayari

ghalib ki shayari

शहरे वफ़ा में🔸 धूप का साथी नहीं कोई,
सूरज सरो पर आया तो🔸 साये भी घट गए।

गुनाह करके कहाँ🔸 जाओगे ग़ालिब,
ये जमीं और आसमां सब🔸 उसी का है।

तुम सलामत रहो🔸 हज़ार बरस,
हर बरस के हो दिन 🔸पचास हज़ार।

ये न थी हमारी क्रिस्मत🔸 कि विसाल-ए-यार होता,
अगर और जीते रहते यही🔸 इतिज़ार होता।

Mirza Ghalib Sad Shayari

Mirza Galib Sad Shayari

है और भी दुनिया में 🔸सुख़न-वर बहुत अच्छे
कहते है कि ‘ग़ालिब’ का है🔸 अदाज़-ए-बयाँ और।

इब्न-ए-मरयम🔸 हुआ करे कोई
मेरे दु:ख की दवा🔸 करे कोई।

इश्क़ मुझको नहीं🔸 वहशत ही सही
मेरी वहशत तिरी शोहरत🔸 ही सही

दिल-ए-नादाँ तुझे 🔸हुआ क्या है
आख़िर इस दर्द की🔸 दवा क्या है।

2 Line Mirza Ghalib Shayari

करने गए थे उनसे 🔸तगाफुल का हम गिला,
‘की एक ही निगाह कि हम🔸 खाक हो गए।

क़रासिद के आते-आते ख़त 🔸इक और लिख रखूँ,
मैं जानता हूँ जो वो 🔸लिखेंगे जवाब में।

हर रज में ख़ुशी 🔸की थी उम्मीद बरक़रार,
तुम मुसकरा दिए मेरे ज़माने🔸 बन गए।

कोई मेरे दिल से पूछे🔸 तिरे तीर-ए-नीम-कश को
ये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर🔸 के पार होता।

आशा करते हैं दोस्तों आपको यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा, इस आर्टिकल में हमने मिर्ज़ा ग़ालिब की कुछ लोकप्रिय शेर और शायरी का समावेश किया है, आर्टिकल के संदर्भ में अपनी राय हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें धन्यवाद.

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