मौत से पहले भी 🔸एक मौत होती है,
जरा अपने यार से बिछड़कर 🔸तो देखो…!
मेरी कद्र तुम्हे 🔸उस दिन समझ आएगी,
जब तुम्हे कोई समझने🔸 वाला नहीं होगा…!
इस कदर बेबस🔸 हो गए हैं हम,
सामने समुन्द्र है फिर भी 🔸प्यासे खड़े है हम।
सच कहो तो 🔸उन्हें ख्वाब लगता है,
और शिकवा करो तो उन्हें म🔸ज़ाक लगता है,
हम कितनी🔸 शिद्दत से उन्हें याद करते है,
और एक वो हैं जिन्हें ये 🔸सब इत्तेफाक लगता है।